धोखेबाज़ दोस्त!

धोखेबाज़ दोस्त!
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एक अंग्रेज सिपाही, जिसकी बीवी बहुत खूबसूरत थी, को अचानक लड़ाई के मैदान से बुलावा आ गया।
उसकी गैर-मौजूदगी में उसकी बीवी कहीं किसी और से आंखे चार न कर बैठे इस डर से उसने अपनी बीवी को एक कमरे में बंद कर दिया और चाबी अपने एक मित्र को देकर कहा, "मैं लड़ाई में जा रहा हूं। यदि मैं दस दिनों तक नहीं लौटूं तो तुम इस चाबी से ताला खोलकर उसे आजाद कर देना।"
इतना कहकर वह सिपाही घर से चला गया।
अभी वह थोड़ी ही दूर पहुंचा था कि उसने देखा उसका मित्र उसके पीछे दौड़ता हुआ उसे आवाज देता हुआ चला आ रहा था। यह देख सिपाही ने उस से पूछा, "अरे क्या हुआ सब ठीक तो है?
दोस्त गुस्से से आग बबूला होकर उस पर चिल्लाते हुए बोला, "साले धोखेबाज! तू मुझे गलत चाबी देकर जा रहा है। इससे तो ताला खुल ही नहीं रहा।"

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