कौनसे पिताजी से कहूँ हुज़ूर ? चंडीगढ़ वाले से, पंजाब वाले से या हरियाणा वाले से ?"

नए-नए रईस हुए एक पाकिस्तानी साहब को, लोगों के ऊपर अपनी अमीरी का रौब झाड़ने का शौक चढ़ा !
एक रोज उनके घर मेहमान आने वाले थे, तो उन्होंने अपने नौकर को बुलाकर समझाया :--“ मेहमान के सामने मैं किसी भी चीज़ के लिए तुम्हे आवाज़ दूँ, तो तुम उसकी 2-3 किस्मों के नाम लेना, ताकि उस पर रौब पड़े, समझ गए ना !"
नौकर :-- “ समझ गया हुजूर !”
अगले रोज मेहमान आ गए !
साहब ने नौकर से कहा :-- “ मेहमानों के लिए शरबत लाओ !"
नौकर :--“ हुज़ूर, कौनसा शरबत लेंगे, काजू का, केवड़े का या बादाम का !”
नौकर की समझदारी पर
साहब मन ही मन बहुत खुश होते हुए बोले :-- “ केवड़े का ले आओ !”
फिर थोड़ी देर बाद .......
साहब :-- “ मेहमानों के लिए खाना लगवाओ !”
नौकर :-- “ हज़ूर, कौनसा खाना खायेंगे ? इंडियन, पाकिस्तानी या चाइनीज ?”
साहब :-- चाइनीज ले आओ !
खाने के बाद .........
साहब – “ पान ले आओ !"
नौकर :-- " कौनसा पान हुज़ूर ? मगही, लाहौरी या बनारसी !”
साहब :-- " बनारसी ले आओ !"
फिर थोड़ी देर बाद साहब का शहर घूमने का प्रोग्राम बन गया !
साहब :-- “ हमारी गाड़ी निकलवाओ !”
नौकर भादर :-- “ कौनसी गाड़ी हुज़ूर ? सफारी, स्कोर्पियो या होंडा सिटी ?”
साहब :-- “ सफारी निकलवाओ और सुनो हमारे पिताजी से कह देना कि, हम ज़रा देर से आयेंगे !”
नौकर :-- “ कौनसे पिताजी से कहूँ हुज़ूर ? चंडीगढ़ वाले से, पंजाब वाले से या हरियाणा वाले से ?"

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