चाहत में जिस की जमाने को भुला रखा है,

चाहत में जिस की जमाने को भुला रखा है, ये मालुम नहीं किसे उसने दिल में बसा रखा है, ये मालुम है की वो आसमाँ है और मै जमीन, फिर भी आँखों में उसी का सपना सजा रखा है।

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